मोदी राज में आंतरिक सुरक्षा, विदेश नीति और राष्ट्रीय स्वाभिमान से खिलवाड़
युद्धोन्माद के खिलाफ जालंधर के देशभक्त यादगार हॉल में भाकपा माले लिबरेशन का सम्मेलन
पुरुषोत्तम शर्मा
दिवंगत नक्सली नेता और पंजाब में भाकपा माले लिबरेशन के संस्थापकों में से एक कामरेड हाकम सिंह समाओं के 26 वें स्मृति दिवस के अवसर पर जालंधर के देशभक्त यादगार हॉल में भाकपा माले लिबरेशन द्वारा एक युद्धोन्माद विरोधी राज्य सम्मेलन आयोजित किया गया. सम्मेलन को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए भाकपा (माले) लिबरेशन के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी राज में देश की आंतरिक सुरक्षा, विदेश नीति और राष्ट्रीय स्वाभिमान से खिलवाड़ हो रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समर्थक यह कहते नहीं थकते कि मोदी के शासन में पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है और मोदी ने नोटबंदी व कश्मीर से धारा 370 हटाकर आतंकवाद की कमर तोड़ दी है. पर पुलवामा, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटनाओं ने बता दिया है कि नोटबंदी और धारा 370 का आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं था. मोदी सरकार देश की आतंरिक सुरक्षा के मामले में पूरी तरह फेल साबित हो चुकी है.
कामरेड दीपांकर ने कहा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इन जघन्य आतंकी घटनाओं के बाद आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा करने और पीड़ितों का दुःख बांटने के बजाए इन घटनाओं को चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल करने लगे. उन्होंने कहा इस सरकार द्वारा चलाए गए आपरेशन सिंदूर के बाद भी सरकार यह बताने में असफल रही है कि पहलगाम में 2000 पर्यटकों को बुलाकर एक भी सुरक्षाकर्मी तैनात क्यों नहीं था? सरकार के पास इस बात का भी कोई जवाब नहीं है कि 28 पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकवादी आज तक पकड़े क्यों नहीं गए? मोदी सरकार पुलवामा और पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों के बारे में अब तक पूरी तरह मौन साधे हुए है. उन्होंने कहा कि आपरेशन सिंदूर की घटना ने बता दिया है कि आजादी के बाद मोदी राज में पहली बार भारत अकेला खडा है. दुनिया का कोई भी देश भारत के साथ खड़ा नहीं हुआ है. हमारे सभी पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका जिनके साथ हमारे घनिष्ठ मित्रतापूर्ण सम्बन्ध रहे हैं, कोई भी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार कह रहे हैं कि उन्होंने भारत से व्यापार बंद करने की धमकी देकर भारत पाक के बीच युद्ध रुकवाया. ट्रंप लगातार भारत के प्रधानमंत्री को अपमानित कर रहे हैं, हमारे नौजवानों को अमेरिका से बेड़ी-हथकड़ी लगाकर गुलामों की तरह अपमानित कर भेजा गया, पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप के सामने मौन साधे हुए हैं. आखिर क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान के सवाल पर मौन हैं? इन सब सवालों का जवाब देश की जनता को चाहिए. कामरेड दीपांकर ने कहा कि युद्ध के खिलाफ हमेशा शान्ति के पक्ष में आवाज उठानी चाहिए. उन्होंने कहा युद्ध की राजनीति को समझने और उस पर चोट करने के लिए मेहनतकश आवाम को अपने एजेंडे को सामने लाने की जरूरत है. कुछ लोगों के लिए युद्ध भी आईपीएल के मैच की तरह आनंद लेने का खेल है. पर युद्ध आम जनता पर एक विपत्ति होती है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान हर मामले में हमसे काफी पीछे है. पर एक मामले में वह हमारे बराबर है, वह है परमाणु बम. दो परमाणु बम सम्पन्न देशों के बीच दुनिया में कोई भी देश युद्ध की तबाही देखने को तैयार नहीं है. इसी लिए युद्ध के नाम पर मोदी के बड़बोलेपन को दुनिया में कहीं से भी समर्थन नहीं मिला.
कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने पंजाब की पार्टी कमेटी को कामरेड हाकम सिंह समाऊँ के स्मृति दिवस पर युद्धोन्माद के खिलाफ इस कन्वेंशन के आयोजन के लिए अभिवादन करते हुए कहा कि पंजाब हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है. उन्होंने 1990 में दिल्ली में आयोजित युद्ध विरोधी कन्वेंशन में जाते हुए पंजाब के दो युवा पार्टी कार्यकर्ताओं कामरेड बलबिन्दर सिंह समाऊँ और कामरेड मनोज भिखी की शहादत को भी याद किया. कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज 11 वर्षों के शासन में पहली बार मोदी सरकार जनता के सवालों का सामना कर रही है. यही समय है जब कम्युनिस्टों को साहस के साथ जनता के इन सवालों को उठाते हुए व्यापक एकता व जन गोलबंदी की दिशा में बढना होगा. उन्होंने 9 जुलाई को मजदूर विरोधी 4 श्रम कोड के खिलाफ मजदूर संगठनों के हड़ताल के आह्वान को पूरी तरह सफल बनाने के लिए पंजाब के किसान, ग्रामीण मजदूर, व्यापारी संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों से अपील की.
इस अवसर पर बोलते हुए आरएमपीआई के महासचिव मंगत राम पासला ने मोदी सरकार की संविधान विरोधी व लोकतंत्र विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर एक मजबूत राजनीतिक मोर्चा विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने आज के दौर में भाकपा माले लिबरेशन और कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य द्वारा वाम खेमे को दी जा रही दिशा की सराहना करते हुए उसका समर्थन किया. पंजाब में भाकपा (माले) की शुरुआती नेताओं में से एक व देश भक्त यादगार हॉल की ट्रस्टी कामरेड सुरिंदर कुमारी कोछड़ ने इस बड़े युद्ध विरोधी सम्मेलन के आयोजन के लिए भाकपा माले लिबरेशन पार्टी की सराहना की. वरिष्ठ पत्रकार सतनाम माणक ने कहा कि युद्ध की भावना पैदा करने की बजाय दोनों देशों की सरकारों व मीडिया को इन पड़ोसी देशों के बीच मित्रता व शांति का संदेश देने की भूमिका निभानी चाहिए. सम्मेलन को भाकपा माले लिबरेशन के केन्द्रीय कमेटी सदस्य और पंजाब के प्रभारी कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा, राज्य सचिव गुरमीत सिंह बख्तपुर, सुखदर्शन सिंह नट, प्रकृति मानव केंद्रित जन आंदोलन के केंद्रीय नेता सुखदेव सिंह भोपाल, आईडीपी अध्यक्ष करनैल सिंह जखेपल ने भी संबोधित किया.
सम्मेलन का संचालन पार्टी की केंद्रीय कमेटी के सदस्य कामरेड राजविंदर राणा और अध्यक्षता किसान नेता कामरेड रुलदू सिंह मानसा ने किया. सम्मेलन द्वारा पारित प्रस्तावों में पंजाब में बीबीएमबी के माध्यम से नदी जल के मनमाने वितरण, संघीय ढांचे को कमजोर करने, तथा पंजाब में मान सरकार के नशे के खिलाफ युद्ध की आड़ में पुलिस द्वारा आम युवाओं को यातना या फर्जी पुलिस मुठभेड़ों के माध्यम से मारे जाने की कड़ी निंदा की गई. भाजपा सरकार द्वारा ऑपरेशन कगार के नाम पर छत्तीसगढ़ में माओवादी कार्यकर्ताओं और आदिवासियों को बड़े पैमाने पर विस्थापित करने और उनकी सामूहिक हत्या करने तथा नेतन्याहू सरकार द्वारा बीस महीने तक एकतरफा युद्ध के माध्यम से आम फिलिस्तीनियों के नरसंहार का कड़ा विरोध शामिल किया गया. सम्मेलन में पूरे पंजाब और राजधानी चंडीगढ़ से आए कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. सम्मेलन स्थल की क्षमता से भी ज्यादा कार्यकर्ताओं के पहुंच जाने के कारण की कार्यकर्ताओं को मंच के आगे-पीछे जमीन पर बैठना पड़ा.