भीड़ मर गयी, गैलीलियो नहीं मरा"

*"भीड़ मर गयी गैलीलियो नहीं मरा"*


हम सब को बहुत गुस्सा आता है 


*जब हम पढते हैं कि किस तरह क्रूर ईसाई धर्मान्धों ने गैलीलियो को जिंदा जला दिया था !* 


गैलीलियो का गुनाह क्या था? उसने सच बोला था ! उसने कहा था कि 


*सूर्य पृथ्वी के चारों तरफ नहीं घूमता बल्कि पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ घूमती है !* 


जबकि धर्मग्रन्थ में लिखा था कि... 


*पृथ्वी केन्द्र में है और सूर्य तथा अन्य गृह उसके चारों तरफ घुमते हैं !*


गैलीलियो ने जो बोला वो सच था ! धर्मग्रन्थ में झूठ लिखा था | इसलिए... 


*धर्मग्रंथ को ही सच मानने वाले सारे अंधे गैलीलियो के विरुद्ध हो गये !*


गैलीलियो को पकड़ लिया गया 


*गैलीलियो पर मुकदमा चलाया गया ! अदालत ने सत्य को अपने फैसले का आधार नहीं बनाया !* 


बल्कि ... 


*अदालत भीड़ से डर गयी ! भीड़ ने कहा यह हमारे धर्म के खिलाफ बोलता है इसे जिंदा जला दो !* 


अदालत ने फ़ैसला दिया... 


*इसे ज़िंदा जला दो क्योंकी इसने लोगों की धार्मिक आस्था के खिलाफ बोला है !*


जिंदा जला दिया गया गैलीलियो, सत्य बोलने के कारण !


*सत्य हार गया अंधविश्वासीआस्था जीत गयी !*


आज भी जब हम ये पढते हैं तो... 


*सोचते हैं कि काश तब हम जैसे समझदार लोग होते  तो ऐसा गलत काम न होने देते !* 


लेकिन अगर मैं आपको बताऊँ कि 


*ऐसा आज भी हो रहा और आप इसे होते हुए चुपचाप देख भी रहे हैं तो भी क्या आप में इसका विरोध करने का साहस है ?* 


आप अपनी तो छोडि़ये 


*इस देश के सर्वोच्च न्यायालय में भी ये साहस नहीं है !* 


*न्यायालय के एक नहीं अनेकों निर्णय ऐसे हैं जो सत्य के आधार पर नहीं धर्मान्ध भीड़ को खुश करने के लिए दिये गये हैं !*


भयंकर स्थिति है ! 


*सच नहीं बोला जा सकता !* 


विज्ञान बढ़ रहा है ! 


*विज्ञान का उपयोग हथियार बनाने में हो रहा है !* 


विज्ञान की खोज  टीवी है, सोशल मीडिया है, मोबाइल है, कम्प्यूटर है।


*टीवी और सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोगों के दिमाग बंद करने में किया जा रहा है !*


इतना ही नहीं....


*लोगों को भीड़ में बदला जा रहा है !*


भीड़ की मानसिकता को एक जैसा बनाया जा रहा है ! 


*जो अलग तरह से बोले उसे मारो या जेल में डाल दो !* 


अलग बात बोलने वाला अपराधी है ! सच बोलने वाला अपराधी है !


यह भीड़ हिंदुस्तान से लेकर अमेरिका तक फ़ैली है, 


*वही भीड़ संसद भवनों और विधान सभाओं में दाखिल हो गयी है !*


 वो कुर्सियों पर बैठ गयी है ! 


वो तर्क को नहीं मानेगी, इतिहास को नहीं मानेगी !


*ये भीड़ राजनीति को चलाएगी !* 
*विज्ञान को जूतों तले रोंद देगी !* 
*कमजोर किसान मजदूर को मार देगी !* 


और फिर 


*ढोंग करके खुद को धर्मिक, राष्ट्रभक्त और मुख्यधारा कहेगी !* 


मगर....


*मैं खुद को इस भीड़ के राष्ट्रवाद, धर्म और राजनीति से अलग करता हूं !* 


मुझे इसके खतरे पता हैं ! 


*पर मैंने इतिहास में जाकर जलते हुए गैलीलियो के साथ खड़े होने का फ़ैसला किया है !* 


मुझे पता है 


*मेरा अंत उससे ज्यादा बुरा हो सकता है !* 


पर देखो न....


*भीड़ मर गयी गैलीलियो नहीं मरा !*


एक वायरल सत्य... राजकुमार सिंह   गाजियाबाद   उत्तर प्रदेश मोबाइल नंबर (+919811356610)🌅