किसान आंदोलन में आदिवासी नेता सीताबा़ई तडवी की शहादत

किसान आंदोलन में आदिवासी नेता सीताबा़ई तडवी की शहादत

प्रतिभा सिंदे

सिताबाई रामदास तडवी उम्र 56 साल , आंबाबारी जीलहा नंदुरबार महाराष्ट्र की लोक संघर्ष मोर्चा की साथी पिछले 25 साल से लोक संघर्ष मोर्चा के साथ हर संघर्ष में आगे थी। खेती किसानी के हक का आंदोलन हो या अपने गाव के देहली नदी पर बन रहे डेम में उसका अपना गाव आंबबारी का जबरन और अन्यायकारी विस्थापन हो, उसके खिलाफ आज तक कड़ा संघर्ष करती रही है। उसके लिए सीताबाई एक महीना आठ दिन तक कई बार में सत्याग्रह करके जेल जा चुकी थी।

जल, जंगल, जमीन के लडाई के लिए बम्बई के अनशन मै सीताबाई का सहभाग रहा है। वन अधिकार कानून बनाने के लिए गांव से दिल्ली तक के संघर्ष में सीताबाई हरदम आगे रही है। नंदुरबार से बम्बई 480 किमी पैदल यात्रा में 5000 साथियों के साथ सीताबा़ई की अगवाई महत्वपूर्ण रही है। 2018 में संपूर्ण कर्जा मुक्ति और फसल का सही दाम के लडाई मे सीताबा़ई लोक संघर्ष मोर्चा के *उलगुलान* मार्च में 21 से 23 नोहेंबर 2018 ठाना से मुंबई पैदल मार्च में अगवाई की थी। सीताबा़ई का पूरा परिवार आंदोलन का मजबूत हिस्सा रहा है।

*किसान कर्जा मुक्ति का आंदोलन हो या एमएसपी की लड़ाई हो, सीताबा़ई हर दम आगे रही है, 22 दिसम्बर को अंबानी के खिलाफ हुए मुंबई मार्च में सीताबा़ई प्रमुख नेताओं में से एक थी। पांच जून से तीन किसान कानून के खिलाफ हुई लड़ाई में सीताबा़ई हर मोर्चा में आगे रही है। दिल्ली में 16 जनवरी से 27 तारीख तक किसान आंदोलन में शहाजापुर बॉर्डर पर मोर्चा संभाल रही थी। 27 जनवरी को बहुत ठंड के कारण जयपुर में उनकी मौत हो गई*

जन संघर्ष में हरदम आगे रहने वाली लड़ाकू सीताबा़ई तडवी आदिवासी समाज से आती हैं और महिला किसान थी। सीताबा़ई का पूरा परिवार इस संघर्ष मै हिस्सेदार रहा है।

*सीताबा़ई की किसान आंदोलन के वक्त हुई शाहदत याद रखी जाएगी। सीताबा़ई तडवी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।